दोस्तों इस लेख में आपको इंट्रा-डे ट्रेडिंग क्या है एवं इंट्रा-डे ट्रेडिंग कैसे करते है ? के बारें में सारी जानकारी विस्तार से मिलेगीI इस लेख को पढ़ने के बाद आप इंट्रा-डे के लिए जरुरी सारी जानकारी प्राप्त कर लेंगे I इसलिए चलिए जानते हैI
ट्रेडिंग क्या है ?
ट्रेडिंग (TRADING) अंग्रेजी भाषा का एक शब्द है जो ट्रेड (TRADE) से बना है और TRADE को हिन्दी में व्यापार कहते हैI
किसी भी वस्तु की खरीद-बिक्री करने को व्यापार यानि की ट्रेड कहते हैI इस प्रकार ट्रेडिंग का मतलब होता है व्यापार करना I इस प्रकार जब शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है तो इसे स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना कहते है
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है ?
इंट्रा-डे ट्रेडिंग क्या है एवं इंट्रा-डे ट्रेडिंग कैसे करते है ? इस लेख में सबसे पहले हम बात करते है ट्रेडिंग के तरीकों की, स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग सामान्यतया: दो प्रकार की होती हैI जिनमें पहली है इंट्रा-डे ट्रेडिंग और दूसरी है स्विंग ट्रेडिंग I
इंट्रा-डे ट्रेडिंग क्या है ?
यदि हम शेयरों को जिस दिन खरीदते है, उसी दिन में बेच देते है तो इसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते है I इंट्रा-डे ट्रेडिंग में सुबह 9:15 AM पर मार्केट खुलने के बाद हम दिन भर में चाहे कभीं भी शेयर ख़रीदे हमें उसी दिन मार्केट के बंद होने के समय 3:30 PM से पहले अपने शेयरों को बेचना होता हैI
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हम शेयरों की दिन भर की चाल में से छोटी-छोटी मूवमेंट को पकड़ कर प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैI इस तरीके में हम एक ही दिन में कई ट्रेड करते है और मार्केट बंद होने से पूर्व ही अपने सारे सौदे काट लेते हैI
इंट्रा-डे ट्रेडिंग के फ़ायदे
ओवर नाईट रिस्क से बचाव संभव
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हम उसी दिन में ही ट्रेड काट लेते है इसलिए हमको अगले दिन मार्केट में यदि गैप अप या डाउन हो जावे तो भी कोई फर्क नही पड़ता है जबकि यदि ओवरनाइट पोजीशन हो और मार्केट हमारे विपरीत बड़ी चाल दे-दे तो हमको बड़ा नुकसान उठाना पद सकता हैI
स्टॉप-लॉस लगाना आसान
इंट्रा-डे ट्रेडिंग का एक बड़ा फ़ायदा यह भी है की इसमे स्टॉप लॉस लगाना आसान होता है क्योकि इसमे गैप अप या डाउन आदि की संभावना नही होती है इसलिए स्टॉप-लॉस मिस होने की सम्भावना नहीं के बराबर होती है I
हर समय ट्रेड के बारे में चिंता करने की जरुरत नही
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में आप अपना ट्रेड मार्केट बंद होने से पूर्व ही काट लेते हो इसलिए मार्केट बंद होने के बाद ट्रेड के बारें में सोचने की जरुरत नही है आप बाकि समय में टेंसन फ्री रहते होI
शोर्ट सेलिंग की सुविधा
शेयरों में इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने पर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा ट्रेडरों को शोर्ट सेलिंग की सुविधा भी दी जाती हैI शोर्ट सेलिंग का मतलब होता है शेयरों को पहले बेच कर बाद में खरीदना यानि की हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में कोई भी शेयर नही होने पर भी हम किसी भी शेयर को एडवांस में बेच सकते है और उसे बाद में खरीद सकते है I
शोर्ट सेलिंग की सुविधा की वजह से हम शेयरों की कीमत बढने की बजाय कीमत गिरने पर भी हम पहले बेच और बाद में खरीद कर प्रॉफिट कमा सकते है I
इंट्रा-डे ट्रेडिंग के नुकसान
अधिक कौशल की आवश्यकता
इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने के लिए हमें अधिक ट्रेडिंग कुशल होने की आवश्यकता होती है क्योकि हमें एक दिन से अन्दर ही अपना ट्रेड करना होता है इसलिए हमको उसी दिन में अच्छा ट्रेड लेने एवं प्रॉफिट बुक करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस और ट्रेडिंग साइकोलाजी को जानना बहुत जरुरी है I
ओवर ट्रेडिंग का ख़तरा
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हमको दिन के दिन में ट्रेडिंग से प्रॉफिट कमाना होता है I इसलिए हम शुरू के कुछ ट्रेडों में नुकसान होने पर उसी दिन में प्रॉफिट करने के प्रेशर में आकर और अधिक ट्रेड लेकर ओवर ट्रेडिंग से और ज्यादा नुकसान कर सकते है I
स्क्रीन पर लगातार नजर रखना जरुरी
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हमको लगातार स्क्रीन को देखने की जरुरत होती है क्योकि एक दिन के अन्दर-अन्दर ही परफेक्ट ट्रेड लेने का मौका तलाशना है और यदि हम स्क्रीन पर नजर नही रखेंगे तो ट्रेड मिस हो सकता हैI
इंट्रा-डे ट्रेडिंग के लिए जरुरी चीजे
टेक्नीकल एनालिसिस
इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने के लिए हमें सबसे पहले टेक्नीकल एनालिसिस का ज्ञान होना बहुत जरुरी हैI ट्रेडिंग की शुरुआत में पहला ट्रेड लेने के लिए ही हमें टेक्निकल एनालिसिस की जरुरत पड़ती हैI यदि हमकों टेक्नीकल एनालिसिस करना नही आएगा तो हम ट्रेड में एंट्री ही नही कर पाएंगे I
इसलिए हमको पहला ट्रेड लेने से पहले ही टेक्निकल एनालिसिस सीखना जरुरी हैI
टेक्नीकल एनालिसिस के उपकरण
कैंडलस्टिक चार्ट की समझ
ट्रेडिंग करने के लिए हमको कैंडलस्टिक चार्ट को समझाना आना चाहिएI इस चार्ट पर बनी अलग -अलग कैंडलों की जानकारी होना बहुत जरुरी होता हैI
सपोर्ट रेजिस्टेन्स की समझ
कैंडलस्टिक चार्ट पर कई सारे सपोर्ट-रेजिस्टेन्स जोन बने होते है I उनका ज्ञान होना एक नये ट्रेडर के लिए बहुत जरुरी होता हैI
कुछ महत्वपूर्ण इंडिकेटरों की समझ
वैसे तो बहुत सारे टेक्निकल इंडिकेटर होते है लेकिन हमको उनमें से कुछ इंडिकेटरों जैसे EMA ,SUPER TREND आदि की जानकारी होनी चाहिएI
2.रिस्क मेनेजमेंट का करना जरुरी
इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने के लिए हमको रिस्क मेनेज करना जरुरी होता है रिस्क मेनेजमेंट में सही स्टॉपलॉस लगाना, डे-लॉस लिमिट रखना और रिस्क-रिवार्ड रेशो का पालन करना जरुरी होता हैI
स्टॉपलॉस लगाना
ट्रेड लेने के तुरंत बाद हमको आपने ट्रेड में स्टॉप लॉस लगाना जरूरी होता है I क्योकि यदि ट्रेड में एंट्री करने के बाद यदि मार्केट की चाल विपरीत दिशा में हो जाये तो हमको बड़ा लॉस नही उठाना पड़े I
डे-लॉस लिमिट रखना
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हम ओवर ट्रेडिंग का शिकार हो कर बड़ा नुकसान कर सकते हैI इसलिए हमको रोज के लॉस की एक लिमिट रखनी चाहिए जिससे एक लिमिट तक नुकसान होने के बाद हम उस दिन के लिए आपनी ट्रेडिंग बंद कर सके I
रिस्क-रिवार्ड रेशो का पालन जरुरी
ट्रेडिंग करते समय हमारे कुछ ट्रेड नुकसान में और कुछ प्रॉफिट में जाते हैI इसलिए हमें रिस्क-रिवार्ड का पालन करते हुए जब नुकसान हो रहा हो तो हमको छोटे से नुकसान में अपना ट्रेड काट लेना चाहिए और जब हमारे ट्रेड में प्रॉफिट आ रहा होतो हमको बडे प्रॉफिट के लिए इंतजार करना चाहिए
ट्रेडिंग में हमें कम से कम 1:2 के रिस्क-रिवार्ड का पालन करना जरुरी हैI 1:2 के रिस्क-रिवार्ड का मतलब है यदि हम 1 रूपये का नुकसान करेंगे तो 2 रुपये का प्रॉफिट लेंगे I
3.ट्रेडिंग मनोविज्ञान की समझ जरुरी
हम सभी इन्सान है और इन्सान के अन्दर बहुत सारी भावनाएँ होती है I इसलिए ट्रेडिंग करते समय भी हमारे ऊपर लालच, डर, पछतावा,बदले की भावना आदि का असर हो सकता हैI इन भावनाओं में बह कर हम ट्रेडिग करते समय बहुत सारी गलतियाँ करके ट्रेडिंग में गलत निर्णय ले कर नुकसान कर सकते है I इसलिए हमको उक्त सभी भावनाओं पर नियंत्रण करना आना चाहिएI
दोस्तों उक्त लेख में आपने इंट्रा-डे ट्रेडिंग क्या है एवं इंट्रा-डे ट्रेडिंग कैसे करते है ? WHAT IS INTRADAY TRADING ? FULL DETAILS IN HINDI हमने आपको इंट्रा-डे ट्रेडिंग के बारे में सारी जानकारी देने की कोशिश की है फिर भी आप कुछ और सवाल पुछना चाहते हो तो आप कमेन्ट कर सकते हो या E-mail ID- contact@tradingtak.com पर सम्पर्क कर सकते हो